दिल्ली: एक तरफ पानी की गुणवत्ता को लेकर लगातार दिल्ली सरकार घिरती जा रही है, वहीं अब एक आरटीआई से चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. दिलली जल बोर्ड के डिफॉल्टरों की सूची बढ़ती ही जा रही है. और इसमें सबसे बड़ा डिफॉल्टर है उत्तर रेलवे जिसके करीब 4192 करोड़ रुपये अभी तक बोर्ड को नहीं मिले हैं. वहीं इस पूरी सूची पर गौर किया जाए तो करीब 9,323 करोड़ रुपये के पानी के बिल जल बोर्ड को वसूलने हैं. यह बकाया 7 अक्टूबर तक का है.
गौरतलब है कि अगस्त में ही दिल्ली सरकार ने मार्च 2019 तक दर्ज सभी बकाया राशि पर एकमुश्त छूट की घोषणा की थी. सरकार को उम्मीद थी कि डिफॉल्टर पानी के बिलों का भुगतान कर देंगे लेकिन ऐसा होता नहीं दिखा.
कुल बकाया का 44 फिसदी सिर्फ उत्तर रेलवे पर
जल बोर्ड को अकेले उत्तर रेलवे से ही 4,192.55 करोड़ रुपये बकाया है. यह कुल बकाया का 44 फीसदी है. इसमें 415 करोड़ रुपये की मूल राशि और 3,776.92 करोड़ रुपये के लेट पेमेंट सरचार्ज शामिल हैं. मीडिया में चल रही खबर के मुताबिक उत्तर रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि इस पर बयान देना उनकी जिम्मेदारियों के दायरे में नहीं हैं. उत्तर रेलवे के पीआरओ भी इस संबंध में बात करने के लिए सामने नहीं आए.
तीनों एमसीडी पर दिल्ली जल बोर्ड का 3,155 करोड़ बकाया
बीजेपी शासित नॉर्थ एमसीडी पर 3,063.17 करोड़ रुपये दिल्ली जल बोर्ड का बकाया है, जो दूसरा बड़ा डिफॉल्टर है. दिल्ली के तीनों एमसीडी पर पर कुल मिलाकर दिल्ली जल बोर्ड का 3,155 करोड़ रुपये बकाया है.
दिल्ली पुलिस पर 650.90 करोड़ बकाया
वहीं, केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन आने वाली दिल्ली पुलिस पर जल बोर्ड का 650.90 करोड़ रुपये बकाया है, जिसमें से मूल राशि 72.80 करोड़ रुपये है.
दिल्ली सरकार के विभागों पर भी है पानी बिल का बकाया
दिल्ली सरकार के दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) पर कुल बकाया 344.89 करोड़ रुपये है. इसमें से 4.46 करोड़ रुपये मूल राशि है. डीयूएसआईबी, डीएसआईआईडीसी, लोक निर्माण विभाग, स्वास्थ्य विभाग, स्कूल और दिल्ली ट्रांसको पर कुल मिलाकर 982.87 करोड़ रुपये बकाया है